किसी ने यह तस्वीरें मुझे भेजी हैं... सो आपको भी दिखा रहा हूं...
यह है 2020 का बैंगलोर
यह है 2020 का मुंबई
यह है 2020 की नई दिल्ली
यह वह काल्पनिक शहर है जिसे 2020 तक कहीं बसाया जाना है...
और यह है 2020, 2030, 2040, 2050... का बिहार मुझे इस तस्वीर में पहले तो मखौल नजर आया... फिर मुझे इसमें अपनी ही बेचारगी नजर आने लगी... क्योंकि यह तस्वीर भारत की ही तो है और मैं एक भारतवासी हूं...
क्या यह तस्वीर कभी बदल पाएगी...
वैसे बदल तो सकती है...
क्या ख्याल है आपका?
6 comments:
अनुराग भाइ,
कल्पना करने मे कोइ हानि नही है...........
लेकिन एक बिहारी होने की वजह से मैं जानता हूं कि एसा कुछ नही होने वाला............जी हां आप सही समझ रहे हैं........ना तो बिहार मे ये तस्वीर होगी और ना ही मुम्बाइ और दिल्ली की......
लगता है या तो आपने बिहार नही देखा है या फ़िर दिल्ली और मुम्बाइ ठीक से नही देख पाये.....
सिर्फ़ तस्वीरो से "तस्वीर" बना लेना अच्छी "तस्वीर" पेश नही करती .................
मुझे आपकी कल्पना में थोड़ा कोरा पन लगता है। 2020 मे दिल्ली भी वहीं रहेगी जहॉं 2050 में बिहार।
मैं तो दो दिन पहले ही दिल्ली से लौटा हूँ। दिल्ली की व्यव्स्था बिहार से ज्यादा चरमरा रही है, ऐसा आभास हुआ।
अनुराग भाई- आप भी जाने अनजाने में बिहार बैशिंग के पिटे पिटाए फैशन में बह गए। हम सभी तो दिल्ली रोज देखते हैं, क्या आप कभी बिहार पधारे क्या? क्या कहना चाह रहे हैं आप?
मै पिछले साल तक वाराणसी रेल मण्डल का अधिकारी रह चुका हूं. और उत्तर बिहार को उस समय करीब से देखा था. वर्तमान भले ही निराश करता हो, पर उसके भविष्य के प्रति मैं आशांवित हूं. तेल के भण्डार में कमी के साथ ईन्धन के लिये एथेनॉल का प्रयोग जल्दी बढ़ेगा और गन्ने की फसल उत्तर बिहार को समृद्धि प्रदान करेगी. वह औद्योगिक विकास को भी ट्रिगर करेगी.
लोगों को गरीबी/भुखमरी/निराशा/कुंठा से अलग सोचने को अपने को जबरन ट्रेन करना चाहिये. इन विषयों पर अगर सोचें - तब भी, आशा की मोमबत्ती जला कर रखें.
Anurag Bahi,aap din mey sapney dekh rehy heyn kaya,haa seyd 3020 mey eysaa kuch kuch hoo sakta hay, lakin bihar ?????
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