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Monday, June 7, 2010

15,274 लोगों की मौत, 2 साल की सज़ा?

भोपाल गैस त्रासदी,
15,274 लोगों की मौत,
पीड़ित परिवारों ने लड़ी 25 साल तक लड़ाई,
25 साल बाद फैसला आता है, याद रहे फैसला अभी ज़िला अदालत का है। इस मामले के आठों आरोपियों को धारा 304(A) के तहत दोषी ठहराया गया है, जिसमें अधिकतम 2 साल की सज़ा अथवा पांच हज़ार रुपए जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। लेकिन क्या ये न्याय है?

विडंबना है, कि इस देश में रावण के तो दस सिर हैं लेकिन एक सिर वाली न्याय की देवी की आंखों पर भी पट्टी हैं।

6 comments:

विधुल्लता said...

ji bilkul sach

anoop joshi said...

सर कुछ कह नहीं सकते. क्योंकि गलती टैंक के वाल्भ खोलने वाले की थी. या andreson की या फिर हमारी सरकार की जिसने वो फैक्ट्री यहाँ लगाने दी, जिसे अमेरिका ने रिजेक्ट की थी.

माधव( Madhav) said...

indian legal system is all rubbish

Rajnish tripathi said...

अनुराग जी वो समय दूर नहीं जब इंसानो की लाशे तराजू में सब्जी के भाव बिकेगी। 25 साल के लम्बे अंतराल के बाद ये फैसला आया है। 15,274 लोग बेमौत मारे गये उनके परिवार से पूछा जाए कि वो इस फैसले से कितना खुश है, रही बात अदालत की तरफ से फैसला आने का तो आप भी जानते है और हम भी जानते है कि कौन फसला कैसे आता है, अभी ये फैसला जिला न्यायालय का है अभी इस फैसले को हाईकोर्ट से सुप्रीमकोर्ट में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। कयास लगाये तो 1984 का मामला 2010 में आया है मतलब 25 साल बाद वो जिला अदालत का।हाईकोर्ट का लगभग 10 साल मान के चले।फिर सुप्रीमकोर्ट लगभग 10 साल में अपना फैसला सुनाएगी।अगर हम सब समय को जोड़ ले तो अदालती फैसले कि उम्र 45 साल । जो दोषी है उनकी उम्र 45-50 के बीच में होगी । 45 में 45 जोड़ ले तो 90 साल हो जाता है । मतलब साफ है कि अब 90 या 100 साल कोई नहीं जीता।
यानी सभी अदालतो का फैसला आने तक हो सकता कोई रहे या न रहे तो ऐसा फैसला किस काम का जो अपराधियो को सजा दिला पाएं। इस फैसले पर मुझे एक शेर याद आ रहा है...

कल कहाँ थी उनकी आँखों में मुरव्वत इस क़दर
आज क्यों करने लगे हमसे मोहब्बत इस क़दर

जानते हों या न हों, पहचानना मुश्किल नहीं
मिलती-जुलती है हर इक क़ातिल की सूरत इस क़दर

हर किसी फुटपाथ पर चुपचाप मर सकते हैं हम
कम से कम हासिल तो है हमको इजाज़त इस क़दर

wwwkufraraja.blogspot.com

Udan Tashtari said...

अफसोसजनक!!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

विचारणीय आलेख

आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर भी है.